ले मशाले चल पड़े लोग मेरे गाँव के
जीवन की जदोजहद में
कहाँ जरूरत थी
'जय हो' गाने की
रोटी की लडाई में
कहाँ फुर्सत थी
sach kaha.....roti me ladai me kahan fursat hai....kise fursat hai......
सुंदर भाव... शब्दों में चमतकार है... धन्यवाद http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन....बहुत खूबबेह्तरीन अभिव्यक्ति
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3 टिप्पणियां:
sach kaha.....roti me ladai me kahan fursat hai....kise fursat hai......
सुंदर भाव... शब्दों में चमतकार है... धन्यवाद http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन....बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति
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